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देखिए क्यों मध्य प्रदेश है भारत का बेस्ट टूरिज्म स्टेट

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भेड़ाघाट: संगमरमरी चट्टानों की दुनिया
जबलपुर शहर से लगभग 23 किमी. दूर भेड़ाघाट सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां नर्मदा नदी से लगे संगमरमरी चट्टानों की एक ऐसी दुनिया है, जिसे देखकर आंखें आश्चर्य से खुली की खुली रह जाती हैं। विशेष कर नवंबर से मई के बीच चांदनी रात की दूधिया रोशनी में नाव-यात्रा द्वारा यहां का नजारा किसी स्वप्न सरीखा प्रतीत होता है। वास्तव में नर्मदा नदी के छोर से एक संकरी तंगघाटी से होते हुए 100 फीट की ऊंचाई पर जगमगाती संगमरमरी चट्टानों की भव्यता बस देखते ही बनती है, जहां नर्मदा के स्वच्छ जल में धूप में चमचमाती संगमरमर के चट्टानों की छाया आपके मन को मोह जाती है, वहीं यहां की निस्तब्ध शांति एवं प्राकृतिक सौंदर्य भी बेजोड़ है। साथ ही उत्कृष्ट सोपस्टोन की अनमोल यादगार वस्तुएं भी आप इस यात्रा में ताउम्र के लिए संजो सकते हैं। भेड़ाघाट की सैर में नर्मदा नदी द्वारा संगमरमर की चट्टानों से होता हुआ धुंआ भरा जल-प्रपात (धुंआधार जल-प्रपात) दर्शनीय है, जिसकी गिरती जलधाराओं का शोर दूर तक गूंजता रहता है, जो भेड़ाघाट की एक अनुपम देन है। यहां एक पहाड़ी पर स्थित चौसठ योगिनी मंदिर भी कम अद्भुत नहीं है। देवी दुर्गा को समर्पित 10वीं शताब्दी का यह मंदिर कल्चुरि वंशकाल का है, जहां पत्थरों की नक्काशी देखने लायक है।

एक नजर-जबलपुर भेड़ाघाट का निकटतम एयरपोर्ट है और मुंबई-हावड़ा रेललाइन पर इलाहाबाद से जुड़ा जबलपुर जंक्शन यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो देश के सभी महत्वपूर्ण रेलनगरों से जुड़ा है।
पचमढ़ी-सतपुड़ा की रानी
होशंगाबाद जनपद में लगभग 1100 मी. की ऊंचाई पर सतपुड़ा घाटी में स्थित पचमढ़ी हिल स्टेशन, जो सतपुड़ा की रानी के उपनाम से भी मशहूर है, वास्तव में सतपुड़ा पहाड़ियों में बसा मध्य प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ हरित-रत्‍‌न है। यहां प्रकृति का सतरंगी स्वरूप अपने सर्वोत्तम स्तर पर होता है। यह एक पुरातात्विक धरोहर स्थल है, जहां की चट्टानी चित्रकलाएं 10,000 वर्ष पुरानी 500-800 ईसा की हैं। यहां वन्य-जीवन का अति सुंदर संसार दिखाई पड़ता है। जंगली बांस, जामुन, सॉल के जंगलों के बीच स्थित पचमढ़ी घाटी में जल-प्रपातों की सुंदरता अपने चरम पर होती है। वास्तव में पहाड़ों पर आच्छादित हरियाली के बीच जलधाराओं-जलप्रपातों की कल-कल ध्वनि से युक्त प्रकृति की शांति का सुंदर संगीत सुनने के लिए पचमढ़ी एक आदर्श स्थल है।
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल

प्रियदर्शिनी (फोर्शिथ प्वाइंट)- यह बेहतरीन नजारे का स्थल है, जिसे कैप्टन फोर्शिथ ने 1857 में खोजा। उनके नाम पर ही इस स्थल का यह नाम पड़ा है। यहां के औपनिवेशिक स्थापत्यकला नमूने और गिरिजाघर दर्शनीय हैं।
जमुना प्रपात (बी फॉल)- यह जल-प्रपात पचमढ़ी का लोकप्रिय जल-प्रपात है, जिससे पचमढ़ी शहर को जलापूर्ति भी होती है।
हांडी खोह- 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह एक भ्रमण योग्य तंगघाटी है, जहां का दिलकश नजारा मन को मोह जाता है।
अप्सरा विहार (फेयरी पूल)- यह पचमढ़ी का लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
रजत प्रपात (बिग फॉल)- यह रोमांच-प्रेमियों का एक पसंदीदा स्थल है, जहां का जल-प्रपात देखने योग्य है।
अन्य स्थल- आइरीन पूल, जालावाटरन या डचेज फॉल्स, सुंदरकुंड, महादेव, छोटा महादेव, चौरागढ़, जटाशंकर, धूपगढ़, पांडव गुफाएं, त्रिधारा, वनश्रीविहार, रीक्षगढ़, संगम, कैथोलिक चर्च, क्त्राइस्ट चर्च, बिसन लॉज, केव शेल्टर्स, धुंआधार, भ्रांतनीर, अस्ताचल, हार्पर्स केव एवं सतपुड़ा नेशनल पार्क सदृश बेहद खूबसूरत आदर्श शांतिमय सुरम्य स्थल।
एक नजर-पचमढ़ी से लगभग 210 किमी. दूर भोपाल यहां का निकटतम एयरपोर्ट है एवं मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर इलाहाबाद से जुड़ा पिपरिया (पचमढ़ी से लगभग 50 किमी. दूर) निकटतम रेलवे स्टेशन है। भोपाल, होशंगाबाद, नागपुर, पिपरिया एवं छिंदवाड़ा से उत्कृष्ट बसों एवं टैक्सी द्वारा भी आप यहां साल के किसी भी समय पहुंच सकते हैं, जहां मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के विभिन्न होटलों मसलन रॉक-इंड मनोर, ग्लेन व्यू, सतपुड़ा रिट्रीट, चंपक बंगला, अमलताश, पंचवटी कॉटेज एवं होटल हाइलैंड इत्यादि में आरामदायक एवं सुविधाजनक ठहराव किया जा सकता है।
अगर मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल की बात करें, तो अमरकंटक, ग्वालियर, जबलपुर, भीमबेटका, खुजराहो, भोपाल, सांची, ओरछा, मांडू, दतिया, रायसेन आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा, उच्जैन, ओंकारेश्वर, चित्रकूट आदि देखने लायक जगहें हैं। अगर वाइल्डलाइफ आपको आकर्षित करता है, तो यहां बांधवगढ़ नेशनल पार्क, फॉस्सिल नेशनल पार्क, कान्हा नेशनल पार्क, पेंच बाघ अभयारण्य, पन्ना नेशनल पार्क आदि की सैर कर सकते हैं। अगर पर्व-त्योहार की बात करें, तो झाबुआ का भगौरिया, बस्तर का दशहरा, मांडू, उच्जैन और इंदौर का मालवा उत्सव, ओरछा और चित्रकूट का रामनवमी उत्सव, खुजराहो, उच्जैन, पचमढ़ी और भोजपुर में मनाया जाने वाला शिवरात्रि उत्सव, खजुराहो में होने वाला नृत्य महोत्सव और भोपाल का लोकरंग महोत्सव काफी लोकप्रिय है। मध्य प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2013-14 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 6.33 करोड़ तक पहुंच गई है। यह आकड़ा 2006-07 में महज 1.12 करोड़ ही था। राजा भोज एयरपोर्ट (भोपाल), देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट (इंदौर) मध्यप्रदेश के प्रमुख हवाई अड्डे है।

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