बीजेपी नेता निखिल आनंद ने सीएम पर अंधाधुन्ध प्रश्न दाग दिए. इसके साथ ही जेडीयू के पूर्व प्रवक्ता और सियासी विश्लेषक अजय आलोक ने भी नीतीश को बेहया बताते हुए तीखा प्रहार किया है.महात्मा गांधी की पुण्यतिथी के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार के पटना में दिए बयान ने बिहार के तापमान को और बढ़ाने का काम किया है.
नीतीश कुमार ने दो टूक बोला कि मर जाना कबूल है, लेकिन अब भाजपा कबूल नहीं. फिर क्या था नीतीश के बायन के बाद प्रतिक्रिया का दौर प्रारम्भ हो गया. भाजपा नेता निखिल आनंद ने सीएम पर अंधाधुन्ध प्रश्न दाग दिए. इसके साथ ही जेडीयू के पूर्व प्रवक्ता और सियासी विश्लेषक अजय आलोक ने भी नीतीश को बेहया बताते हुए तीखा प्रहार किया है.
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट करते हुए बोला कि “मर जाना कबूल लेकिन बीजेपी में जाना मंजूर नहीं.” नीतीश जी के इस बयान पर कई प्रश्न है- पहला सवाल, बीजेपी में बुला कौन रहा है? दूसरा सवाल, यह बात तो मानते हैं न कि 1995 से अगस्त, 2022 तक बीजेपी ने मरने नहीं दिया?
तीसरा सवाल, राजद के नर्क और दोजख में 72हूरों का मजा आ रहा है न? इसके साथ ही निखिल आनंद ने एक कॉर्टून भी पोस्ट किया है जिसमें नीतीश कुमार को आरजेडी लालटेन के साथ हाथ मिलाते हुए दिखाया गया. जेडीयू के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने नीतीश कुमार के बयान वाला वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि तेरी बेवफ़ाई का क़ायल तो जमाना था ,
आज थोड़ी बेहयाई भी आ गयी ॥ पृथ्वी से स्वर्ग या नर्क का सफ़र सबको यही तय करना हैं । दूसरी बार ‘भीष्म प्रतिज्ञा’ ! “मर जाना हमको कबूल है उनके साथ जाना कबूल नहीं “… इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश ने बोला था “मिट्टी में मिल जाएंगे भाजपा के साथ नहीं भाजपा “… हालांकि 2017 में भाजपा के साथ वापस आ गए थे।।
सुनिए क्या सब कह रहे. बता दें कि नीतीश कुमार ने बोला कि हम लोग अटलजी को मानने वाले लोग हैं. उन्होंने दावा किया कि हमने भाजपा को छोड़ दिया था. लेकिन वे जबरदस्ती पीछे पड़ कर साथ आए. 2020 में हम तो सीएम बनना नहीं चाहते थे. लेकिन इन्होंने जो किया सबने देखा.
हम लोगों ने इन्हें कितनी इज्जत दी. बता दें कि इससे पहले भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बोला कि समूचे राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं को साफ बता दिया गया है कि “अलोकप्रिय” सीएम नीतीश कुमार से फिर से हाथ मिलाने का कोई प्रश्न ही नहीं है.