हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी समूह में उथल-पुथल मची हुई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। साथ ही इसके बाद अदानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू भी आधी हो गई है।
साथ ही निवेशकों को भी भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा अदाणी ग्रुप ने अपनी कंपनी अदाणी इंटरप्राइजेज का एफपीओ भी रद्द कर दिया। इस बीच सेबी ने अडानी समूह पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कई मुद्दों पर अपनी राय रखी है.
अडानी समूह मामले पर बोलते हुए, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि यह बाजार में निष्पक्षता, दक्षता और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि शेयर बाजार सहज, पारदर्शी, कुशल तरीके से काम करे, जैसा कि हमेशा से होता आया है।
शेयर बाजार- अडानी के शेयरों में पिछले एक हफ्ते से काफी उठापटक चल रही है। इस बारे में सेबी ने कहा कि पिछले सप्ताह के दौरान एक कारोबारी समूह के शेयर की कीमत में असामान्य उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार के सुचारू और कुशल कामकाज के लिए विशेष शेयरों में अत्यधिक अस्थिरता से निपटने के लिए सभी निगरानी तंत्र मौजूद हैं।
अडानी समूह- अडाणी के शेयरों में गिरावट को लेकर सेबी ने कहा कि उसके संज्ञान में सभी विशिष्ट मामले आने के बाद सेबी उनकी जांच करता है और उचित कार्रवाई करता है। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है।