भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति का वादा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (AAP) एक के बाद एक भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती नजर आ रही है.नई शराब नीति घोटाले (New Excise Policy Scam ) को लेकर आप सरकार के खिलाफ जहां बीजेपी (BJP) आक्रामक रुख इख्तियार कर रखा है.
वहीं, अब कांग्रेस पार्टी ने भी आप सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. ताजा मामला जल बोर्ड (Delhi Jal Board) से जुड़ा बताया जा रहा है. आम आदमी पार्टी की सरकार पर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ मामला दर्ज सीबीआई से जांच कराने की मांग की.
घोटाले के बाद भी कंपनी का अनुबंध बढ़ाया
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि वर्ष 2019 में जल बोर्ड में बिल कलेक्शन को लेकर 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया था. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिल कलेक्शन कंपनी के अनुबंध को आगे बढ़ाया,
जिससे साबित होता है कि ये घोटाला उनकी जानकारी और देखरेख में हुआ है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने आप के भ्रष्टाचार की जड़ और मास्टरमाईंड होने का आरोप अरविंद केजरीवाल पर लगाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो में उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के खातों को सील कर उसकी जांच की जानी चाहिए.
कंपनी ने किया 20 करोड़ का घोटाला
कांग्रेस नेता चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि 2019 में 20 करोड़ रुपए का घोटाला होने की बात, जब पिछले साल सामने आई तो उपराज्यपाल ने FIR दर्ज कर इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. जिसके तहत एंटी करप्शन ब्यूरो ने बिल उगाही करने वाली तीन कंपनियों के मालिकों को 20 करोड़ के घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था.
बिल कलेक्शन कंपनी अररूम ई-पेमेंट कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट 10 अक्टूबर 2019 तक था, लेकिन कंपनी मार्च 2021 तक बिल कलेक्ट करती रही. यह सब ऐसे वक्त में हुआ, जब इन कंपनियों की जांच दिल्ली जल बोर्ड विजिलेंस डिपार्टमेंट की ओर से करने पर 20 करोड़ का घोटाला सामने आया था.
जल बोर्ड को भ्रष्टाचार कर घाटे में पहचाने का आरोप
उन्होंने कांग्रेस के शासन काल की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में दिल्ली जल बोर्ड 9 हजार करोड़ के लाभ में था, लेकिन केजरीवाल की भ्रष्ट सरकार ने इसे 57 हजार करोड़ के घाटे में पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि लाभ कमाने वाली दिल्ली जल बोर्ड 2014 में केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनकी निष्क्रियता की वजह से लगातार घाटे में चल रही है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में जमा हुई राशि और कंपनियों की ओर से कलेक्ट की गई राशि में भारी अंतर होने के कारण एसीबी ने FIR दर्ज कर गिरफ्तारियां की हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता है. इसलिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच कर पूरे घोटाले और उसके जड़ को सामने लाना चाहिए.
सीबीआई से जांच कराने की मांग
उनका कहना है कि शराब घोटाला सहित पिछले 8 वर्षों में आम आदमी पार्टी के शासन में हुए सभी भ्रष्टाचारों के मास्टरमाईंड अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने चार्जशीट दाखिल की है. इसलिए दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा बिल कलेक्शन में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के शामिल होने के चलते उन पर एफआईआर दर्ज हो और मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए.