हरियाणा सरकार (Haryana Government) रेप के आरोपी बाबा राम रहीम (Ram Rahim) के बचाव में उतर गई है। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर करते हुए राम रहीम का बचाव किया है। सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि, ‘राम रहीम कोई सीरियल किलर नहीं है।
‘ यह हलफनामा हाई कोर्ट में दाखिल एक याचिका के जवाब में दिया गया है। दरअसल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में राम रहीम के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में राम रहीम के 40 दिन की पैरोल को चुनौती दी गई थी। जिसे लेकर हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था।
अपने जवाब में हरियाणा सरकार ने कहा, ‘ हत्या के दो अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता व्यक्ति को सीरियल किलर नहीं कहा जा सकता है।’ बार-बार राम रहीम को मिल रही है पैरोल. राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलने पर एक सवाल खड़ा हो गया है। विपक्षी दल और सिख समुदाय हरियाणा सरकार पर निशाना साध रही है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को जनवरी तक 133 बार पैरोल दी गई है। जेल प्रशासन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं जेल के अधिकारियों का कहना है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं, क्योंकि पैरोल कानून के अनुसार दी गई थी। जेल के अधिकारियों की माने तो 11 अप्रैल 2022 को
अधिसूचित हरियाणा सदाचार कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 के अनुसार, दोषी कैदियों को नियमित पैरोल दी जा सकती है। हालांकि हत्याओं या गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी कैदियों को पैरोल के योग्य नहीं होते हैं। पैरोल जेल में एक दोषी के आचरण पर
निर्भर करती है जो जिला प्रशासन से सुरक्षा मंजूरी के अधीन है। अब तक मिल चुकी पैरोल पर एक नजर- 24 अक्टूबर 2020 में एक अस्पताल में बीमार मां से मिलने के लिए राम रहीम को 1 दिन की पैरोल दी गई थी। मई 2021 में बीमार मां से मिलने के लिए राम रहीम की पैरोल
अर्जी मंजूर कर ली गई, जिसके चलते उसे पुलिस सुरक्षा में 12 घंटे के लिए रिहा कर दिया गया था। जिसके बाद फरवरी 2022 में 21 दिन, जून में 30 दिन और अक्टूबर में 40 दिन पैरोल पर बाहर रहे। 2023 में 40 दिन की पैरोल पर बाहर है।