दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने 8 घंटे की लंबी पूछताछ करने के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को आखिरकार रविवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने, धोखाधड़ी करने समेत कई मामलों में आरोपी पाया है.
CBI की एफआईआर के मुताबिक, दिल्ली के डिप्टी सीएम के खिलाफ रिश्वत लेने और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. सीबीआई सोमवार सुबह उन्हें अदालत में पेश करेगी. अब सवाल ये उठ रहा है कि अगर वो दोषी पाए जाते हैं तो सिसोदिया को कितने साल की सजा होगी.
मनीष सिसोदिया के खिलाफ किन आईपीसी (Indian Penal Code-IPC) की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477-A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने सिसोदिया के खिलाफ किन आधारों पर ये कार्रवाई की है,
ये भी सामने आ गया है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने आबकारी पॉलिसी मामले में पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत रखे. इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटिल एविडेंस थे. लेकिन इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे सके.सीबीआई ने इन मामलों में पाया आरोपी। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का आरोपी पाया है.
इसमें उनकी मिलीभगत सामने आई है. इस मामले में एक ब्यूरोक्रैट ने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी GoM ( Group of Minister) के सामने आबाकारी नीति को लेकर कुछ निर्देश भी दिए थे.
किस धारा में कितने साल की सजा। सीबीआई मनीष सिसोदिया को सोमवार को कोर्ट में पेश करेगी. सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 लगाई गई है. अगर इसमें वो दोषी पाए जाते हैं तो कम से कम 3 साल और अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
सिसोदिया पर IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) लगाई गई है. इसमें 6 महीने की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है. लेखा का मिथ्याकरण यानी अकाउंट्स (रिकॉर्ड्स) की छेड़खानी को लेकर भी डिप्टी सीएम पर आईपीसी की धारा 477 A लगाई गई है. इसमें 7 साल की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है.