इजरायल पर ईरान के हमले के बाद मिडिल ईस्ट में सीधी लड़ाई की आशंका बढ़ गई है. ईरान ने इजरायल पर 200 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें दागी और दावा किया है कि उसकी
अधिकांश मिसाइलें अपने निशाने पर लगी हैं. हालांकि इजरायल का कहना है कि उसने ज्यादातर मिसाइलों को हवा में मार गिराया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने
ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की कसम खाई. उन्होंने कहा कि “ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी…” ईरान के हमले के फौरन बाद अमेरिका ने इजरायल को मदद का ऐलान किया.
अगर ईरान और इजरायल के बीच सीधी लड़ाई हुई तो कौन-कौन से देश दोनों का साथ दे सकते हैं? आइये एक नजर डालते हैं. ईरान के साथ कौन-कौन से देश
रूस: ईरान और रूस के बीच दशकों से संबंध हैं.
इसकी सबसे बड़ी वजह दोनों पश्चिमी विचारों के विरोधी हैं. हाल के दिनों में दोनों और करीब आए हैं. यूक्रेन से लड़ाई के बाद ईरान ने रूस को कथित तौर पर हथियार और दूसरी चीजें दी हैं.
एक और चीज पर गौर करना जरूरी है. ईरान ने इजरायल पर तब हमला किया, जब रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्तीन इसी सप्ताह की शुरुआत में तेहरान दौरे पर गए थे. रूसी
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवाने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, “मध्य पूर्व में बिडेन प्रशासन पूरी तरह विफल रहा…”
तुर्की: राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को लेबनान में
इजरायल के जमीनी अभियान की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया कि वे “बिना समय बर्बाद किए” इजरायल को रोकें. एर्दोगन लगातार इजरायल की आलोचना करते रहे हैं.
उन्होंने हाल में नेतन्याहू की तुलना नाजी जर्मनी के एडोल्फ हिटलर से करते हुए कहा, “मैं खुले तौर पर कहता हूं कि इजरायली नेतृत्व, उन्माद और विशुद्ध धार्मिक कट्टरता के साथ काम करते हुए,
फिलिस्तीन और लेबनान के बाद हमारी मातृभूमि पर अपनी नजरें गड़ाएगा…” चीन: पिछले महीने वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों के साथ चर्चा में, चीन के दो शीर्ष राजनयिकों ने ईरान
समर्थित हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच एक व्यापक संघर्ष की बढ़ती संभावना के मद्देनजर तेहरान के लिए समर्थन व्यक्त किया था. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि तेहरान को अपनी “संप्रभुता, सुरक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा” की रक्षा करने में बीजिंग का समर्थन है.
लेबनान: इजरायल और लेबनान के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. वह ईरान का करीबी है. ईरान ने इजरायल पर हमला भी हिजबुल्लाब के चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद किया,
जो लेबनान से ऑपरेट करता है.
यमन: इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान शुरू किया तो यमन के ईरान समर्थित हौथी विद्रोही सामने आ गए. उन्होंने इजरायल पर नाकाम हमला किया. ईरान के साथ खड़े यमन के हौथी विद्रोही मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं.