जमानत पर बाहर आते ही आसाराम बापू को ऐसी हरकत फिर से पीड़िता को

स्वयंभू संत आसाराम 2013 के दुष्कर्म मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद राजस्थान के जोधपुर के पाल गांव में स्थित अपने आश्रम पहुंचा है।

मामले पर पुलिस ने आज जानकारी देते हुए बताया कि, ”वह पिछले कुछ दिनों से शहर के एक आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती था और मंगलवार देर रात अपने आश्रम के लिए रवाना हुआ।’

जानकारी दें कि, आजीवन कारावास की सजा पाए स्वयंभू संत को राजस्थान हाई कोर्ट ने बीते मंगलवार को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी थी।

अधीनस्थ अदालत ने 2013 में अपने आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म करने के जुर्म में आसाराम को अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

वहीं अंतरिम जमानत की खबर मिलने पर अस्पताल के बाहर आसाराम के अनुयायियों की भारी भीड़ जमा हो गई और बाहर आने पर उन्होंने आसाराम को माला पहनाई थी।

आश्रम पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत भी किया गया था। उसके वकील निशांत बोरा ने कहा था कि इस जमानत अवधि के दौरान आसाराम अपनी इच्छानुसार जिस भी जगह चाहे इलाज कराने के लिए स्वतंत्र होगा।

वहीं आसाराम को स्वास्थ्य समस्या के कारण पैरोल पर रिहा करने का फैसला सुनाये जाने के बाद यहां शाहजहांपुर जिले में पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इस बाबत पीड़िता के पिता ने अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता जताई और न्यायालय के आदेश पर हैरानी व्यक्त की। पीड़िता के पिता ने बताया था कि आसाराम ने जेल से अपने समर्थकों द्वारा उनपर जम्मू, जोधपुर, दिल्ली और सूरसागर में उन पर चार झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं।

इसी पीड़िता के पिता ने दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी हालांकि इस मामले में अब वह पैरोल पर रिहा है।

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