1974 में स्थापित भारत के सबसे पुराने टाईगर रिजर्व में से एक बेतला राष्ट्रीय पार्क है जिसे पूर्व में पलामू टाईगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था। यहां बड़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, जंगली भालू, बंदर, सांभर, नीलगाय, मोर और चीतल आदि जानवर पाए जाते हैं। इस वन में 970 प्रजाति के पौधे, 174 प्रजातियों के पक्षी, 39 स्तनधारी, 180 प्रजाति के औषधीय पौधे पाए जाते हैं।
आर्कषण केंद्र
बेतला अभयारण्य शुरू से ही पर्यटकों के बीच आर्कषण का केंद्र रहा है। यहां के गर्म पानी के झरने में स्नान करने का अपना अलग ही मजा है। इस अभयारण्य के अंदर 16वीं शताब्दी का एक किला भी बना हुआ है, जो यहां का ऐतिहासिक धरोहर समझा जाता है। यहां से कोयल नदी और बरहा नदी गुजरती है जो आगे जाकर सोन नदी में मिल जाती है। चारों तरफ से घने जंगलों से घिरे बेतला पार्क में पांच टावर भी बने हुए है, जहां से आसानी से इस अभयारण्य का अवलोकन किया जा सकता है।
क्या देखें
पलामू किला, मिरचइया झरना, सुगा बांध, लोध झरना, मंडल बांध, तलाहा गर्म झरना तथा बरवाडिह का शिव मंदिर
कब जाएं
पर्यटक आमतौर पर फरवरी से मार्च महीने के बीच यहां घूमने आते है। इस दौरान मौसम बड़ा ही सुहाना होता है।
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग-रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा बेतला से 161 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग-बेतला से 25 किलोमीटर की दूरी पर डाल्टेनगंज रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग-बेतला से 25 किलोमीटर की दूरी पर डाल्टेनगंज स्थित है। वैसे झारखंड की राजधानी रांची से नियमित राज्य परिवहन निगम की बसे यहां आती है।

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