नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उहापोह जारी है, विपक्ष सवाल उठा रहा है कि बंपर वोटों से जीत के बावजूद भाजपानीत महायुति क्यों नहीं सरकार बना पा रही है.
5 दिसंबर को शपथग्रहण होने की बात आ रही है लेकिन औपचारिक तौर पर कोई कुछ नहीं कह पा रहा है लेकिन अंदर की खबर है कि
कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे नाराज हैं और इसी वजह से कोपभवन में चले गये हैं. एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार बृहस्पतिवार की रात भाजपा के
चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे. शाह ने फडणवीस को गुलदस्ता भेंट किया था जिससे संदेश गया कि फडणवीस अगले सीएम होंगे.
बताते हैं कि तीनों के साथ बैठक करने के बाद शाह अकेले में एकनाथ शिंदे से मिले थे और लगभग 45 मिनट तक दोनों की बातचीत हुई थी.
बताते है कि इस दौरान दोनों सरकार बनाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई थी जिसमें शिंदे ने अपनी मजबूरियां और उपलब्धियां बताई थी.
पहली शर्त- एकनाथ शिंदे ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात में बताया था कि मराठा आंदोलनकारियों को शांत करने की जिम्मेदारी उन्होंने ली,
आरक्षण मामले को संभाला, लाडली बहन योजना लेकर आये. ऐसे में यदि ब्राह्मण के नीचे दो मराठों को डिप्टी सीएम बनाया गया तो गलत संदेश जाएगा.
दूसरी शर्त – बताते हैं कि कार्यवाहक सीएम ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि वो किसी भी सूरत में सरकार बनाने में बाधा नहीं बनेंगे
और इसका ऐलान उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके किया है. यदि भाजपा अपना सीएम बनाना चाहती है तो डिप्टी सीएम को गृह, वित्त, लोकनिर्माण, शहरी विकास मंत्रालय दे.
पार्टी के नेता संजय शिरसाट ने ये बात सार्वजनिक तौर पर कही है. तर्क यह भी दिया जा रहा है कि फडणवीस के पास डिप्टी होते हुए गृह मंत्रालय था. जबकि वित्त अजित पवार के पास. विधान परिषद अध्यक्ष और केंद्र में एक और मंत्री पद भी उन्होंने मांगा.