देश के उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को संसद में दिनभर काफी गहमागहमी रही।
टॉप मंत्रियों के बीच लगातार मीटिंग हुई। दोपहर में प्रधानमंत्री ने भी बैठक की। ऐसी खबरें आई कि सरकार किसी बड़े बिल पर काम कर रही है।
ऑपरेशन सिंदूर पर सदन मैं बहस के लिए रणनीति बना रही है। लेकिन देर रात जब हैरान करने वाले घटनाक्रम धनखड़ ने इस्तीफा दिया तो लगा कि सरकार
को इसका अंदाजा लग गया था। धनखड़ ने भले स्वास्थ्य कारणों को वजह बताया हो, लेकिन कई सांसदों ने एनबीटी से कहा कि वह पूरी तरह स्वस्थ्य दिख रहे थे।
चूंकि अभी उनका कार्यकाल दो साल से ज्यादा का बचा था, ऐसे में उनका इस्तीफा बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम बन गया। सवाल उठे कि क्या इस्तीफा देने का मन उन्होंने बहुत जल्दी में बनाया?
हफ्तेभर पहले धनखड़ ने कहा था मैं सही समय पर अगस्त 2027 में रिटायर हो जाऊंगा। इस्तीफे में कहा- तुरंत प्रभाव से छोड़ रहा हूं पद बता दें कि अचानक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे इस्तीफे में धनखड़ ने कहा कि मैं तुरंत प्रभाव से पद छोड़ रहा हूं।
उन्होंने इसकी वजह ‘सेहत को प्राथमिकता देना और चिकित्सीय सलाह का पालन करना’ बताया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था।
समय से पहले इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति
बता दें कि सोमवार को ही संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ था और वह पहले दिन लगातार मौजूद रहे।
ऐसे में अचानक देर रात उनका इस्तीफा देना कई सवालों को जन्म दे रहा है। धनखड़ पहले उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया है।
बतौर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापित के रूप में धनखड़ का कार्यकाल काफी चर्चित रहा। कभी विपक्ष से लगातार टकराव के कारण तो कभी विपक्ष पर आक्रामक रुख अपनाने के लिए वह लगातार चर्चाओं में रहे हैं।
कई मौकों पर अपने बेबाक बयानों से उन्होंने केंद्र सरकार के सामने भी असहज हालात पैदा किए।