पंजाब का ऐतिहासिक शहर लुधियाना पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका प्राचीन नाम लोदी-आना था जो लोदी वंश के नाम पर था। लुधियाना व्यापार और पर्यटन की दृष्टि से अग्रणी है। यहां के स्थानीय लोगों को लुधियानवी कहा जाता है जो अपनी मेहमान नवाजी के लिए प्रसिद्ध है। सतलुज नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित लुधियाना पंजाब का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। लुधियाना के आसपास कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है।

दर्शनीय स्थल:-
लोधी दुर्ग
500 वर्ष प्राचीन लोधी दुर्ग का निर्माण मुस्लिम शासक सिकंदर लोधी ने सतलुज नदी के किनारे करवाया था। इस दुर्ग का निर्माण सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था। बाद में सुल्तान लोधी ने अपने दो जनरलों को यहां ठहराया। इस किले ने पिछले पांच सदियों में कई आक्रमणकारियों की मार झेली।
नेहरू रोज गार्डन
इस गार्डन की स्थापना 1967 में हुई थी। परिवार और बच्चों के साथ कुल पल बिताने के लिए यह स्थान अच्छा है। रोज गार्डन (गुलाबों का बगीचा) एशिया का सबसे बड़ा पार्क है। यह गार्डन 27 एकड़ के क्षेत्र फैला है और यहां 17000 पौधे हैं जिनमें गुलाब की 1600 से अधिक प्रजातियों देखी जा सकती है। इस गार्डन में संगीतमय फुव्वारे हैं जो इस गार्डन की शोभा में चार चांद लगा देते हैं। यहां हर वर्ष रोज फेस्टिवल मनाया जाता है जिसकों देखने दूर-दूर से हजारों पर्यटक आते हैं।
दोराहा सराय
यह मुगल सराय शेरशाह सूरी ने 17वीं सदी में बनवाई थी। यह सराय 168 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैली है और ऊंची प्राचीरों से घिरी है। जिनके प्रत्येक कोने पर अष्टभुजी परकोटे है। दक्षिण और उत्तरी दिशा में उभरे हुए प्रवेशद्वार काफी भव्य दिखता है।

टाइगर सफारी
लुधियाना का प्राणी उद्यान शहर से छह किमी की दूरी पर स्थित है। इसे टाइगर सफारी कहते हैं क्योंकि यहां के घने वनों में झूमते बाघों को देखना काफी रोमांचकारी होता है। पर्यटक यहां टाइगर, काला हिरन, खरगोश, सांभर और मोर देख सकते हैं।
हार्डीज व‌र्ल्ड
हार्डीज व‌र्ल्ड पंजाब का सबसे बड़ा वॉटर पार्क है। यह पार्क लुधियाना-जालंधर जीटी रोड पर स्थित है। इसके परिसर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, पार्टी एरिया और खाने पीने की दुकानें हैं। इस वॉटर पार्क में पर्यटक कई वॉटर राइड्स तथा अन्य गतिविधियों जैसे आईस स्केटिंग का आनंद उठा सकते हैं। इस स्थान का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण वेव पूल है जो बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस पार्क में सभी आयुवर्ग के लोग पूरा आनंद उठा सकते हैं।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय
विश्व प्रसिद्ध पंजाब कृषि विश्वविद्यालय संग्रहालय की स्थापना 1962 में हुई थी। यह शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। इसे अमेरिका के लैंड ग्रांट कालेज के नमूने पर बनाया गया है। इसके कैंपस में ग्रामीण इतिहास से संबंधित संग्रहालय भी देखा जा सकता है। लंबे रास्ते से होते हुए संग्रहालय तक पहुंचा जा सकता है जो नहरों से घिरा है। यहां संग्रहित कांसे के पुराने बर्तन और खेतीबाड़ी के उपकरण दर्शनीय है।
गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब आलमगीर
लुधियाना से 10 किमी. दूर स्थित इस स्थान पर मुस्लिम श्रद्धालु नबी खान और गनी खान गुरु गोविंद सिंह को लाए थे, ताकि युद्ध से उनकी रक्षा की जा सके। गुरुद्वारे में एक कुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह ने धरती पर तीर मारकर यहां से पानी की धार निकाली थी। प्रतिवर्ष दिसंबर माह में यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

घंटाघर
लुधियाना की शान घंटाघर 100 साल से भी अधिक पुराना है। इसका निर्माण महारानी विक्टोरिया शासन के 25 वर्ष पूरे होने पर यादगार के तौर पर बनाया गया था। तब से लेकर आज तक यह इमारत शहर में हुए कई परिवर्तनों का गवाह है। घंटाघर के सामने चौड़ी सड़क के दोनों तरफ बसे बाजार का नाम चौड़ा बाजार पड़ा था जो लुधियाना का सबसे बड़ा बाजार है।
त्योहार-
लोहड़ी, बैसाखी और तीज
बोली जाने वाली भाषा-
पंजाबी, हिन्दी और अंग्रेजी
जाने का सही समय-
नवंबर से मार्च
कैसे जाएं
वायु मार्ग- लुधियाना के सबसे करीबी हवाई अड्डा चंडीगढ़, अमृतसर और साहनेवाल है।
रेल मार्ग- लुधियाना के लिए दिल्ली, कोलकता, मुंबई और भारत के कई अन्य शहरों से रेल सेवा मौजूद है।
सड़क मार्ग- लुधियाना के लिए लगभग सभी बड़े शहरों से बस सेवा उपलब्ध है।

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