ललितपुर: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच के हिस्से बुंदेलखंड में कई विश्व प्रसिद्ध धरोहरें और पर्यटन स्थल हैं। पास ही खजुराहो भी है। खजुराहो का नाम लेते ही मानस पटल पर सदियों पहले पत्थर पर उकेरी गईं मूर्तियां कौंध उठती हैं। यहां पर्यटक खिंचे चले आते हैं, मगर यहां तक अगर रेल पहुंचा दे तो पर्यटकों को मजा आ जाए! भव्य मंदिरों को लेकर पहचानी जानी वाली भूमि खजुराहो तक पहुंचने में पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में खजुराहो तक रेलमार्ग के लिए 175 करोड़ रुपये दिए हैं। उम्मीद जागी है कि रेल खजुराहो तक पहुंचेगी, मगर दो और साल इंतजार करना होगा।

झांसी रेल मंडल के प्रबंधक संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया, “रेलवे पर्यटन स्थलों तक अपनी सेवाएं बढ़ाने को लेकर तेजी से कार्य कर ही है। इसी कड़ी में दुनिया के पर्यटन मानचित्र में खास जगह रखने वाले खजुराहो तक रेलगाड़ी डेढ़-दो साल में पहुंचने लगेगी।” उन्होंने कहा कि इससे ललितपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यहां भी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। क्षेत्र के कई अनछुए इलाके रेलगाड़ी पहुंचने के बाद विश्व पर्यटन के नक्शे पर उभर सकेंगे। इसके साथ ही रेल यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर झांसी-टीकमगढ़ के भी दो फेरे बढ़ाए जाने की भी तैयारी चल रही है।

अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा देवगढ़ क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए प्रदेश सरकार को बजट का प्रस्ताव भेज दिया गया है। रेल मंडल प्रबंधक ने बताया कि इसके साथ ही स्थिति में सुधार के लिए अवैध वेंडरों को भी चिह्न्ति करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहनों, टैक्सी आदि के लिए अलग से स्टैंड बनाए जाने के लिए भी जगह चिह्न्ति की जा रही है। 541 किलोमीटर लंबी ललितपुर-सिंगरौली रेलमार्ग परियोजना के अंतर्गत खजुराहो और पन्ना रेल योजना पर काम होना है। महोबा से लेकर खजुराहो तक हालांकि 85 किलोमीटर रेलमार्ग का काम पहले ही हो चुका है। इस रेल परियोजना के पूरा होने से बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जैसे जिले रेलमार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे। इस रेलमार्ग में फिलहाल पन्ना नेशनल पार्क बाधा बना हुआ है।

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