केजरीवाल और सिसोदिया के सामने मजबूत उम्मीदवार उतारे नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत लगा रही है।
इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत प्रत्याशियों को चुनावी रण में उतारने के साथ ही कांग्रेस नेता आम आदमी पार्टी की घेराबंदी करने में जुट चुके हैं।
आप नेतृत्व को लेकर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार किसी तरह से चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं।
कांग्रेस के इस बदले हुए आक्रामक रुख ने आम आदमी पार्टी की बेचैनी बढ़ रही है। आप को त्रिकोणीय मुकाबला होने पर भाजपा विरोधी मतों के विभाजन का डर सता रहा है।
इसकारण आप नेता कांग्रेस पर भाजपा को मदद पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। वर्ष 2012 में आम आदमी पार्टी के उदय से पहले तक दिल्ली में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी लड़ाई होती थी।
इस दौरान 1993 को छोड़ दें, तब किसी भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 प्रतिशत से कम मत नहीं मिले थे। झुग्गी बस्तियों और मुस्लिम व अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस का मजबूत जनाधार था।
इस जनाधार के बल पर कांग्रेस 15 वर्षों तक दिल्ली की सत्ता में रही। वर्ष 2012 के बाद से यह राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक आप की ओर चला गया है। इसी कारण चुनावों में इसका प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा है।
वर्ष 2013 में पार्टी का मत प्रतिशत गिरकर 24.55 प्रतिशत हो गया था। पिछले चुनाव में यह पांच प्रतिशत से भी कम रह गया।
इस कारण पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है। इस कारण इस चुनाव में पार्टी के सामने प्रदर्शन सुधारने की बड़ी चुनौती है।