लखनऊ से एक ऐसी खबर आई है, जिसने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ANI के पॉडकास्ट में कुछ ऐसा कहा, जिसके बाद हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
योगी ने साफ शब्दों में कहा कि वह खुद चुनाव लड़ने की कोशिश नहीं करेंगे और कोई और भाजपा नेता यूपी का मुख्यमंत्री बन सकता है।
इस बयान ने न सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचाई, बल्कि आम लोगों के बीच भी सवाल खड़े कर दिए। आखिर योगी के इस बयान का मतलब क्या है? चलिए जानते हैं पूरी कहानी।
ANI के साथ हुए पॉडकास्ट में योगी से उनकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर सवाल पूछा गया था। जवाब में योगी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सेवा, सुरक्षा और सुशासन है, जिसे भाजपा ने यूपी में लागू किया।
इसी का नतीजा है कि आज जनता का भरोसा उनकी पार्टी के साथ है। लेकिन सबसे बड़ा टैरिस्ट तब आया, जब उन्होंने कहा, “मैं चुनाव लड़ने की कोशिश नहीं करूंगा। हमारी पार्टी तय करेगी कि कौन अगला सीएम बनेगा।” यह बयान सुनते ही सियासी पंडितों के कान खड़े हो गए।
योगी का यह बयान कोई साधारण बात नहीं है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में भाजपा का चेहरा रहे योगी का यह कहना कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, कई सवाल उठाता है।
क्या योगी अब राष्ट्रीय राजनीति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं? या फिर पार्टी के भीतर कुछ और रणनीति तैयार हो रही है? उनके इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि भाजपा
अगले चुनाव में किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है। यूपी की जनता और विपक्ष, दोनों ही इस बयान को अपने-अपने तरीके से समझने की कोशिश कर रहे हैं।