सरकार संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में वक्फ संशोधन बिल लाने की तैयारी कर रही है. यह बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है.
संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था.
जेपीसी की अध्यक्षता जगदंबिका पाल ने की थी. समिति की रिपोर्ट आने के बाद संशोधित बिल को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है. अब अगर सरकार इसे संसद में लाती है,
तो इसे पास कराना आसान नहीं होगा, क्योंकि यह पहले ही जेपीसी की समीक्षा से गुजर चुका है. लोकसभा में इस समय कुल 542 सदस्य हैं. इसमें बीजेपी के 240 सांसद हैं, जिससे यह सबसे बड़ी पार्टी है.
बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कुल 293 सांसदों के साथ बहुमत में है. यह संख्या 272 के जरूरी आंकड़े से ज्यादा है, जो किसी भी बिल को पास कराने के लिए जरूरी होता है.
विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 99 सांसद हैं. इंडिया ब्लॉक में शामिल सभी दलों को मिलाकर इनकी कुल संख्या 233 तक ही पहुंचती है, जो बहुमत से कम है.
इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के एडवोकेट चंद्रशेखर और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल जैसी कुछ पार्टियां हैं, जो न तो एनडीए में हैं और न ही इंडिया ब्लॉक में. साथ ही कुछ निर्दलीय सांसद भी हैं, जो किसी गठबंधन के साथ खुलकर नहीं हैं.
वहीं, राज्यसभा में इस समय कुल 236 सदस्य हैं. इसमें बीजेपी के 98 सांसद हैं. अगर गठबंधनों की बात करें तो एनडीए के पास करीब 115 सांसद हैं. इसके अलावा, 6 मनोनीत सदस्य भी हैं,
जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में मतदान करते हैं. इन्हें जोड़ने पर एनडीए की संख्या 121 तक पहुंच जाती है, जो किसी भी विधेयक को पारित कराने के लिए जरूरी 119 के आंकड़े से दो ज्यादा है.