नई दिल्ली से लेकर न्यूयॉर्क तक रुपए ने अपना डंका बजाया हुआ है. मार्केट बंद होने तक रुपए ने डॉलर की हालत पतली करते हुए जबरदस्त तेजी के साथ बंद हुआ.
जानकारों की मानें तो डॉलर के मुकाबले में अभी और भी रिकवरी देखने को मिल सकता है. अगर रुपए में ऐसे ही तेजी देखने को मिलती रही तो डॉलर के मुकाबले रुपए में 80 पैसे से ज्यादा की मजबूती देखने को मिल सकती है.
जानकारों की मानें तो अमेरिकी टैरिफ वॉर का भारत पर कम असर पड़ने की संभावना और डॉलर इंडेक्स में गिरावट की वजह से रुपए में तेजी देखने को मिल रही है.
आंकड़ों को देखें तो 10 फरवरी को रुपया डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लोअर लेवल पर चला गया था. जिसके बाद से रुपए में डॉलर के मुकाबले में 1.54 फीसदी तक की तेजी देखने को मिल चुकी है.
अगर रुपए में और 80 से 85 पैसे तेजी देखने को मिल सकती है तो डॉलर के मुकाबले में रिकवरी करीब 2.50 की हो जाएगी. जोकि एक बड़ी तेजी हो सकती है.
आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय डॉलर के मुकाबले रुपया किस लेवल पर देखने को मिल रहा है?इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 33 पैसे की बढ़त के साथ 86.65 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ.
रुपए में यह मजबूती अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर में कमजोरी आने से हुई. विदेशी करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच डॉलर/रुपए के एक्सचेंज रेट में नकारात्मक रुझान है तथा विदेशी पूंजी का निरंतर आउटफ्लो निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर असर डाल रहा है.
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 86.88 प्रति डॉलर पर खुला. कारोबार के दौरान इसने डॉलर के मुकाबले 86.58 के उच्चस्तर और 86.88 के निचले स्तर को छुआ.
अंत में रुपया 86.65 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 33 पैसे की बढ़त है. मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे कमजोर होकर 86.98 पर बंद हुआ था.
10 दिन में कितनी तेजी
अगर बात बीते 10 दिनों की करें तो डॉलर के मुकाबले में अच्छी रिकवरी देखने को मिल चुकी है. 10 फरवरी को डॉलर के मुकाबले में रुपया 87.94 के लेवल के साथ लाइफ टाइम लोअर लेवल पर चला गया था.
तब से अब तक रुपए में डॉलर के मुकाबले में 1.54 फीसदी तक की तेजी देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो रुपए के मुकाबले में डॉलर में और भी तेजी देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट का मानना है कि बीते कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों गिरावट माहौल बना हुआ है.
वहीं दूसरी ओर भारत में अमेरिकी टैरिफ का ज्यादा गंभीर असर पड़ने की संभावना नहीं है. अंत में इंटरनेशनल मार्केट में डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह रुपए में डॉलर के मुकाबले सुधार देखने को मिल रहा है.