पाकिस्तानी महिला से शादी करने के आरोप में बर्खास्त सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
उन्होंने पाकिस्तान पर कड़े एक्शन के भारत के फैसले का समर्थन भी किया है. जम्मू में एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए सीआरपीएफ के बर्खास्त जवान मुनीर अहमद ने बताया कि
मीनल उनके मामू की बेटी हैं. मीनल का परिवार 1947 से पहले जम्मू में ही रहता था और विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया था.
उन्होंने बताया कि उनका निकाह उनके घर के बड़ों की तरफ से बचपन में ही तय कर दिया गया था. उन्होंने 2017 में सीआरपीएफ जॉइन की.
सारे ऑब्जेक्शन क्लियर करने का दावा
मुनीर अहमद ने दावा किया, “दिसंबर 2022 मैंने अपने विभाग को निकाह के बारे में बताया था. मैंने सरकार को सूचना दी और एनओसी के लिए अप्लाई किया.
मेरी एप्लीकेशन पर ऑब्जेक्शन लगाए गए, जिसमें शादी की तारीख और जगह पूछी गई थी. मैंने सारी ऑब्जेक्शन क्लियर करके अपने विभाग को दी.
मेरी चिट्ठी डीआईजी आईजी और फिर सीआरपीएफ के डायरेक्टरेट के पास गई.”‘लॉन्ग टर्म वीजा की कार्रवाई 13 मार्च तक पूरी’ मुनीर अहमद ने बताया कि उन्होंने साल
2024 में ऑनलाइन निकाह किया क्योंकि उनके पिता कैंसर पेशेंट थे और वीजा मिलने में समय लग रहा था. इसके बाद उन्होंने अपने निकाह के सारे डॉक्यूमेंट विभाग में दिए.
मुनीर का दावा है कि निकाह होने के बाद 28 फरवरी 2025 को मीनल को 15 दिन का विजिट वीजा मिला और वह भारत आईं.
मुनीर अहमद ने दावा किया कि एक पाकिस्तानी महिला को एलटीवी यानी लॉन्ग टर्म वीजा तभी मिलता है, जब वो भारतीय नागरिक के शादी शादी करे.
उन्होंने कहा, “मैंने एलटीवी के लिए 4 मार्च 2025 को अप्लाई किया. 13 मार्च 2025 तक उसकी सारी कार्रवाई हुई”. 13 मार्च को एलटीवी के संबंध में मुनीर और मीनल का इंटरव्यू हुआ.
इसके बाद वीजा एप्लीकेशन एक्सेप्ट करने के लिए रेफर की गई थी. मुनीर का दावा है कि उन्होंने ये सारे दस्तावेज भी विभाग को दिए हैं.
एलटीवी वीजा पर नहीं थी पाबंदी
मुनीर ने आगे बताया कि 22 मार्च को पहलगाम हमले के बाद सरकार ने वीजा पर आए पाकिस्तानियों को भेजने का फैसला लिया.
हालांकि, ये पाबंदियां एलटीवी वालों के लिए नहीं थीं. इसके बावजूद उन्हें एक एग्जिट परमिट भेजा गया. फिर, उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बात की.
मुनीर ने आगे बताया कि उन्हें अगले दिन प्रशासन से नोटिस आया कि 22 मार्च को मीनल का वीजा एक्सपायर हो गया है. इसके बाद मीनल को अटारी बॉर्डर से वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
मुनीर ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में अपील की और उनके पक्ष में फैसला आया और मीनल को भारत में रहने की अनुमति मिली.
मुनीर ने दावा किया कि वो अपनी पत्नी मीनल को लेकर घर आ गए, लेकिन शनिवा (3 मई) को उन्हें बर्खास्तगी का नोटिस मिला. “मेरी बर्खास्तगी का कारण यह लिखा गया कि
मैंने समय-समय पर विभाग को नहीं लिखा.” अब वो अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे. अपनी पत्नी के बारे में जिक्र करते हुए मुनीर ने बताया कि मीनल एलटीवी के बाद
से परेशान हैं और उनके घर में दुख का माहौल है. “मैंने छत्तीसगढ़ में, जम्मू कश्मीर में सेवा दी है. जब मैंने हर चीज को फॉलो किया तो मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है?”.
मुनीर के मुताबिक पहलगाम में जो हुआ उसको कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता, वह इंसानियत नहीं है. उसकी हर इंसान और हम भी निंदा करते हैं. “मैं और कठोर एक्शन की मांग करता हूं ताकि भविष्य में सबको सबक मिले”.
‘जवान होने के नाते मुझे भी दर्द होता है’
मुनीर ने कहा, “हमारे जवान शहीद होते हैं. एक फौजी होने के नाते मेरे अंदर कितना दर्द है. मैं भी पाकिस्तान पर प्रहार का समर्थन करता हूं.
मुझे मौका मिले तो मैं भी एक्शन लूंगा.” मुनीर ने आगे कहा, “मीनल के बारे में आप सोच सकते हैं कि उसका हाल क्या होगा. वह वापस नहीं जाना चाहती है और उसने
यहां तक कहा है कि मेरे पासपोर्ट पर ऐसी स्टांप लगाओ कि मैं जिंदगी भर पाकिस्तान जा सकूं लेकिन मुझे मेरे पति से अलग ना किया जाए.”