देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में SIR और BLO के आत्महत्या से जुड़े एक मामले पर सुनवाई की। याचिका सनातनी संसद संगठन ने दायर की थी।
इस सुनवाई के बाद अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। -सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट के सामने दो दलीले पेश कि, पहला –
राज्यों में SIR के काम में रुकावट डालने के दौरान अगर हालात बिगड़ते हैं, तो पुलिस को डेप्युटेशन पर लेने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होगा।
-हमारे पास BLO और SIR के काम में लगे दूसरे अधिकारियों को धमकाने से निपटने के लिए सभी संवैधानिक अधिकार हैं।
-चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के काम में अलग-अलग राज्य सरकारों से सहयोग की कमी को गंभीरता से ले। हालात से निपटें वरना अराजकता फैल जाएगी।
-BLO के काम में रुकावट हो रही है, लोगों से और राज्यों से सहयोग की कमी है। या फिर उन्हें धमकाने के मामले हैं तो इसे हमारे ध्यान में लाएं। हम आदेश देंगे।
चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस राज्य सरकार के हाथों में है। उन्होंने कहा- राज्य सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह हमारा सहयोग करे और हमें सुरक्षा प्रदान करे।
अगर राज्य सरकार ऐसा करने से इनकार करती है, तो हमारे पास स्थानीय पुलिस को डेपुटेशन पर लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो हमें केंद्रीय बलों को लेना होगा।