Home लाइफस्टाइल देखिए तुलसी विवाह करने का सही तरीका

देखिए तुलसी विवाह करने का सही तरीका

96
0

नई दिल्ली: देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाने वाला तुलसी विवाह विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक होता है। देवता जब जागते हैं, तो सबसे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं। इसीलिए तुलसी विवाह को देव जागरण के पवित्र मुहूर्त के स्वागत का आयोजन माना जाता है।हिंदू धर्म में इस अवसर पर भक्तगण घर की साफ-सफाई करते है और आंगन में रंगोली सजाते है। यही पर  शाम के समय तुलसी के मंडप के पास गन्ने से भव्य मंडप बनाया जाता है। इसमें साक्षात् के रुप में विष्णु को शालिग्राम के रुप में मूर्ति रखते है और दोनो का निधि-विधान के साथ विवाह किया जाता है।

ऐसे करें तुलसी विवाह
शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं। इसके बाद तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगनपूजा घर पर बिल्कुल बीच में रखें। इसके बाद तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं। इसके बाद माता तुलसी पर सुहाग की चीजें जैसे कि लाल चुनरी, बिंदी, बिछिया आदि चढ़ाएं। बीइसके बाद विष्णु स्वरुप शालिग्राम को रखें और उन पर तिल चढाएं, क्योंकि शालिग्राम में चावल नही चढाएं जाते है। इसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। साथ ही गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें। अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें। इसके बाद दोनों की घी के दीपक और कपूर से आरती करें। और प्रसाद चढाएं।

Previous articleचाणक्य नीति: इन कामों को करने के बाद जल्द करिए स्नान
Next articleयुवा पीढ़ी परिवार से अलग रहने को दे रही है तरजीह

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here