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“मैं ज़िम्मेदारी लेता हूँ, चाहो तो लिखकर भी दे सकता हूँ, लेकिन.” – गोधरा कांड पर पीएम मोदी का बयान

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2002 के गोधरा ट्रेन हादसे और उसमें हुई जनहानि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “वह समय बहुत पीड़ादायक था।”

ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के वीडियो पॉडकास्ट ‘पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ’ में दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह बातें कहीं। इस इंटरव्यू में मोदी ने अपने जीवन और राजनीतिक सफर के कई गंभीर मुद्दों पर बात की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और तीन दिन बाद, 27 फरवरी को गोधरा ट्रेन हादसे की खबर मिली।

पहले बताया गया कि ट्रेन में आग लगी है, लेकिन बाद में साजिश की जानकारी आई। उस समय मैं विधानसभा में था। मुझे गोधरा जाना था,

लेकिन केवल एक सिंगल इंजन वाला हेलिकॉप्टर उपलब्ध था, जिसे वीआईपी के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी। मैंने कहा, ‘मैं वीआईपी नहीं हूँ।

मैं एक साधारण नागरिक हूँ। मुझे जाने दो। मैं अपनी ज़िम्मेदारी पर जाऊँगा।’” मोदी ने गोधरा में बिताए वक्त को याद करते हुए कहा, “मैं सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर से गोधरा पहुँचा।

वहाँ जले हुए शवों के ढेर देखकर मन विचलित हो गया। आज भी वह दृश्य मुझे दुखी करता है। लेकिन मैं जानता था कि मेरी ज़िम्मेदारी है कि अपनी भावनाओं को काबू में रखूँ। मैंने स्थिति संभालने के लिए जो कुछ भी संभव था, वह किया और खुद को संभाला।”

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