तज्ञों का मानना है की जैसी संगत होती है वैसा ही हमारा स्वाभाव होता है. हमारे व्यक्तिमत्व पर संगती का भी असर रहता है. हमारे साधू संतों ने भी कहा है की संगत करनी है तो अच्छी करे. अगर आप को अच्छी लोगों की संगत है तो आप को अच्छा सिखने को मिलेगा।लेकिन आप बुरे संगत में होने पर उनकी आदते आपकी आदते बन जायेगी।
यहाँ एक कहानी के रूप में बताएँगे की संगत कितनी जरुरी चीज है.
एक राजा अपनी काफिले के साथ जंगल में शिकार करने के हेतु निकल पड़ा। जंगल में दूर दूर तक गया लेकिन राजा को कोई शिकार नजर नहीं आया. ऐसे ही जंगल की शिकार में चलते चलते राजा घनघोर जंगल में पहुँच गया.जांगले में इतनी अंदर घुसने के बाद उन्होंने कहा तो रुकना था.वही रुकने की जगह ढूंढते वक्त उन्हें डाकुओं की छिपाने की जगह मिल गई. तब वे जैसे ही उस जाने लगे तब अचानक से एक तोता बोलने लगा की पकड़ो पकड़ो एक राजा आने लगा है इसके पास बहुत सारा सामान है.जल्दी आओ लूटने के लिए.
तोते की आवाज सुनने के बाद सभी डाकू राजा और सैनिकों की भागने लगे.इसके बाद राजा और सैनिक दौड़ते दौड़ते कोसों दूर निकल गए.खूब दूर भागने के बाद उन्हें एक पेड़ दिखाई दिया जहा वे रुक सकते थे.वह पेड़ के पास जाने लगे.लेकिन जैसे ही पेड़ के पास जाने लगे उसी वक्त से फिर एक तोता बोल पड़ा की आओ राजन हमारे साधू महात्मा की कुटी में आपका स्वागत है.आगे जाकर उसने कहा की अंदर आईये और आराम करिये।तोते की इस बात को सुनकर राजा हैरत में पड़ गया.
राजा सोचने लगा की एक ही जाती के दो प्राणियों का व्यवहार अलग अलग देखने को मिला।राजा ने सोचा की ऐसा कैसे हो सकता है.राजा के कुछ समझ में नहीं आ रहा था. तोते की बातों को मानकर राजा अंदर कुटी में चला गया.अंदर जाकर साधू महात्मा को प्रणाम कर उनके समीप बैठा और उनको पूरी कहानी बताई। राजा ने आगे जाकर ऋषि से कहा की इन दोनों तोतों में आखिर इतना अंतर क्यों है?
साधु महात्मा ने पूरी बात सुनने के बाद कहा की यह कुछ नहीं सिर्फ संगती का असर है.डाकुओं की साथ रहकर तोता डाकुओं की तरह व्यवहार करने लगा है और उनकी जैसे भाषा बोलने लगा है.इसका ही अर्थ लगता है की जो जिस वातावरण में रहता है उसी की तरह वह बन जाता है.
साधू ने कहा की मुर्ख भी विद्वानों के साथ रहकर विद्वान् बन सकता है.साधू ने आगे जाकर कहा की विद्वान अगर मूर्खों की संगत में रहता है तो वो भी मूर्खता का व्यवहार करता है. इसीलिए अपनी सांगत हमेशा अच्छा होना जरुरी है.