जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों से समाजवादी पार्टी के नेताओं की मुलाकात के मामले में पुलिस अधिकारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है.
इस मामले में पहले ही मुरादाबाद के जेलर और डिप्टी जेलर को सस्पेंड कर दिया गया था और अब मुरादाबाद जेल अधीक्षक पीपी सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
बता दें कि डीआईजी जेल की जांच में उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. मुरादाबाद जेल अधीक्षक के खिलाफ इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि आरोप है कि अधिकारियों ने नियमों के खिलाफ जाकर समाजवादी पार्टी के नेताओं की जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात करवाई थी.
इसकी जानकारी सामने आने के बाद काफी हंगामा हुआ था. दरअसल, मुरादाबाद जेल के जेलर वीरेंद्र विक्रम यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह पर एक्शन लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.
उस समय जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को एक पत्र भेजा गया था. अब डीआईजी की जांच के बाद जेल अधीक्षक पर भी गाज गिरी है
और उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है.बता दें कि समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने संभल हिंसा मामले के आरोपियों से मुरादाबाद जिला जेल में मुलाकात की थी.
इसमें सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन भी शामिल थे. हसन के मुताबिक, उनके साथ नौगावां सादात (अमरोहा) से विधायक समरपाल सिंह,
ठाकुरद्वारा से विधायक नवाब जान खां समेत कुल 15 लोग आरोपियों से मिलने जेल गए थे. मालूम हो कि UP के संभल जिले में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी,
जिसके चलते 4 लोगों की मौत हो गई और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे. घायलों में पुलिसवाले भी शामिल रहे. फिलहाल, पुलिस ने हिंसा के लिए ढाई हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है,
जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं. संभल मामले में जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी शामिल हैं.