दिल्ली के विधानसभा चुनाव में जारी सियासी रस्साकशी का प्रभाव उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर अगले माह 5 फरवरी को चुनाव होगा.
आम आदमी पार्टी तीसरी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है.दिल्ली में उत्तर प्रदेश की सियासत का काफी प्रभाव होता है.
दिल्ली में लगाता तीसरी बार सरकार बनाने की जद्दोजहद में जुटी आम आदमी पार्टी को उस समय काफी राहत मिली, जब समाजवादी पार्टी ने उसे दिल्ली चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया है.
समाजवादी पार्टी के इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. इस बीच इंडिया गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में बिखराव के कयास लगने हैं.
जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बड़ा बयान आया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने दिल्ली में आप के
समर्थन को लेकर बड़ा खुलासा किया, जिसके बाद सपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती दरारों को लेकर लग रही कयासों पर काफी हद तक विराम लगा दिया है.
‘हम कांग्रेस के विरोध में नहीं’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “दिल्ली में समाजवादी पार्टी का आम आदमी पार्टी को समर्थन है. इसका मतलब यह नहीं है कि हम कांग्रेस के विरोध में खड़े हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “जो हमारी रणनीति थी और जिस रणनीति के सहारे हम काम कर रहे हैं, वो रणनीति यही बताती है.”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा कांग्रेस गठबंधन को लेकर कहा, “आम आदमी पार्टी जो संघर्ष में है और जिस मुद्दे को लेकर इंडिया गठबंधन बना है, इसके तहत क्षेत्रीय पार्टी जो जहां मजबूत है उसके साथ खड़ा होगा.”
सपा सुप्रीमों के इस बयान के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन की अटकलों पर विराम लगा दिया है. इससे कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है.