भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर पूरी दुनिया को चौंका दिया है. जब दुनिया भर के बड़े-बड़े देश मंदी की आहट से सहमे हुए हैं,
तब भारत ने 7.8% की ‘बाहुबली’ GDP ग्रोथ दर्ज की है. सरकार ने अभी-अभी अप्रैल-जून तिमाही (Q1 FY25) के जो आंकड़े जारी किए हैं,
उन्होंने सभी एक्सपर्ट्स और रेटिंग एजेंसियों के अनुमानों को ध्वस्त कर दिया है. ज्यादातर एक्सपर्ट्स 6.5% से 7% की ग्रोथ का अनुमान लगा रहे थे,
लेकिन 7.8% का यह आंकड़ा उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर है. यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है. यह इस बात का सबूत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी अब रुकने वाली नहीं है, बल्कि और तेज दौड़ने को तैयार है.
इस जबरदस्त प्रदर्शन की कहानी आंकड़ों की गहराई में छिपी है. आइए देखते हैं कि कौन से सेक्टर इस ग्रोथ के असली हीरो रहे:
हीरो नंबर 1- सर्विस सेक्टर (Tertiary Sector)
यह इस ग्रोथ का सबसे बड़ा इंजन साबित हुआ है. होटल, ट्रांसपोर्ट, फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल एस्टेट वाले इस सेक्टर ने 9.3% की तूफानी रफ्तार से ग्रोथ की है, जो पिछले साल इसी तिमाही में 6.8% थी.
हीरो नंबर 2- मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन (Secondary Sector) ‘मेक इन इंडिया’ का असर अब जमीन पर दिख रहा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 7.7% और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने 7.6% की शानदार ग्रोथ दर्ज की है.
यह दिखाता है कि देश में फैक्ट्रियां भी तेज चल रही हैं और निर्माण कार्य भी जोर-शोर से हो रहा है.
हीरो नंबर 3- एग्रीकल्चर सेक्टर
सबसे बड़ी खुशखबरी खेती-किसानी के मोर्चे से आई है. एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ पिछले साल के 1.5% से बढ़कर 3.7% हो गई है. यह ग्रामीण भारत में बढ़ती मांग और आय का साफ संकेत है.
यह ग्रोथ सिर्फ उत्पादन से नहीं, बल्कि मजबूत मांग और निवेश से भी आई है. सरकारी खर्च (GFCE): सरकार ने भी जमकर खर्च किया है.
नॉमिनल टर्म्स में सरकारी खर्च में 9.7% की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले साल सिर्फ 4.0% थी.
निजी खपत (PFCE): आपने और हमने भी खरीदारी में कोई कमी नहीं छोड़ी. निजी खपत में 7.0% की मजबूत ग्रोथ दिखी है.
निवेश (GFCF): देश में नया निवेश भी तेजी से बढ़ रहा है. यह 7.8% की दर से बढ़ा है, जो दिखाता है कि कंपनियों का भविष्य को लेकर भरोसा मजबूत है.
इस ग्रोथ का आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?
ज्यादा नौकरियां: तेज ग्रोथ का मतलब है कि कंपनियां ज्यादा निवेश करेंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
बढ़ती आय: कंपनियों का मुनाफा बढ़ने पर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने की उम्मीद भी बढ़ जाती है.
मजबूत रुपया: अच्छी ग्रोथ से विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता है, जिससे रुपया मजबूत हो सकता है और इंपोर्टेड सामान (जैसे पेट्रोल-डीजल) पर राहत मिल सकती है.