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बिहार चुनाव पर फदोली सट्टा बाजार के चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने तेजस्वी यादव को बनाया

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी तेजी के साथ गहमागहमी चल रही है. महागठबंधन ने ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ के नाम घोषणा पत्र जारी कर दिया है.

अब एनडीए के घोषणा पत्र का इंतजार है. मतदान और चुनाव परिणाम से पहले कोई राजनीतिक पंडित एनडीए की सरकार बनने की भविष्यवाणी कर रहा है

तो कोई महागठबंधन की जीत का दावा कर रहा है. बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में ( पहला 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर) में वोट डाले जाएंगे.

इसके बाद 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे. इससे पहले राजस्थान के मशहूर फलोदी सट्टा बाजार में बिहार चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है.

फलोदी सट्टा बाजार में भाव लगने लगे कि बिहार में किसको की कितनी सीट सकती हैं. दरअसल, देश में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा.

फलोदी सट्टा बाजार अपना चुनाव परिणाम को लेकर अपने आंकड़े जारी कर देते हैं. इनके आंकड़ें चुनाव के लिए काफी अहम भी माने जाते हैं.

इसलिए अब बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी सबकी नजरें फलोदी सट्टा बाजार के भाव पर सबकी नजरें टिक गई हैं. यहां सटोरिए जोर-शोर से एक्टिव हो गए हैं और मतदान

की तारीख आने के साथ भाव भी आने लगे कि बिहार में कौन सरकार बनाएगा? फलोदी सट्टा बाजार के ताजा अनुमानों के अनुसार, बिहार में एक बार फिर NDA की सरकार बन सकती है.

बाजार में नीतीश कुमार के अलावा किसी और को NDA की ओर से मुख्यमंत्री पद का विकल्प नहीं माना जा रहा है. सटोरियों के मुताबिक,

यदि कोई व्यक्ति NDA की जीत पर एक हजार रुपये का दांव लगाता है तो उसे बराबर का रिटर्न यानी दो हजार रुपये तक मिल सकता है.

किसको कितनी सीटें मिलने का अनुमान
बाजार के भावों के मुताबिक, NDA को 128 से 132 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि महागठबंधन के लिए अनुमान 97 से 100 सीटों तक सीमित है.

कुछ अनुमानों में NDA का आंकड़ा बढ़कर 135 से 138 सीटों तक भी बताया जा रहा है जो गठबंधन की मजबूत स्थिति को दर्शाता है.

मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में नीतीश कुमार के भाव 40 से 45 पैसे के बीच चल रहे हैं जो सट्टा बाजार में सबसे स्थिर और मजबूत माने जा रहे हैं.

बाजार के अनुसार, NDA में फिलहाल नीतीश के अलावा किसी अन्य नेता को सीएम चेहरा नहीं माना जा रहा है. वहीं कांग्रेस समर्थित महागठबंधन की स्थिति को लेकर सट्टा बाजार लगातार गिरावट का संकेत दे रहा है.

महागठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी?
सटोरियों का मानना है कि महागठबंधन को 93 से 96 सीटों तक ही सीमित रहना पड़ सकता है. मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर नजदीक आने के साथ ही दोनों गठबंधनों का प्रचार अभियान तेज हो गया है,

जिसका असर सट्टा बाजार के भावों पर भी साफ दिखाई दे रहा है. हालांकि फिलहाल बाजार में किसी व्यक्तिगत प्रत्याशी की जीत या हार को लेकर दांव नहीं खोले गए हैं. सटोरियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में जैसे-जैसे प्रचार तेज होगा, वैसे-वैसे व्यक्तिगत सीटों के भाव भी जारी किए जा सकते हैं.