एक अध्ययन में विशेषज्ञों ने मोटापे के शिकार लोगों के मस्तिष्क में भूख की सूचना लाने और ले जाने वाली नस पर नियंत्रण करके वजन घटाने का दावा किया है। यह अध्ययन इमोरी यूनिवर्सिटी में किया गया और इसमें शोधकर्ताओं ने औसत से अत्यधिक वजन वाले 10 मरीजों की वेगस नस के कुछ हिस्से में व्यवधान उत्पन्न कर दिया। यह ऐसे मरीज थे, जिनकी बेरियाट्रिक सर्जरी करना संभव नहीं था। शोधकर्ताओं का कहना है कि वेगस नस मस्तिष्क तक भूख लगने का संदेश पहुंचाती है। इसलिए इस पर नियंत्रण करने से मोटापे पर लगाम लगाई जा सकती है। इस अध्ययन के आधार पर इलाज विकसित होने से बड़ी संख्या में मोटापे के शिकार लोगों को राहत मिल सकेगी। शोध के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि वेगस नस में अवरोध उत्पन्न करने से उन्हें 100 फीसदी नतीजे मिले। जिन लोगों पर यह प्रयोग किया गया उन्हें बिना किसी परेशानी और दुष्प्रभाव के कम भूख लगी। इनमें कुछ लोगों का वजन 90 दिनों में ही कम होने लगा। अकेले अमेरिका की बात करें तो 16 करोड़ से अधिक अमेरिकी मोटापे के शिकार हैं। इनमें से महज पांच से 10 फीसदी को वजन कम करने वाले उपायों से लंबी अवधि में राहत मिलती है।

प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर डेविड प्रोलोगो का कहना है कि मोटापे या ओबेसिटी के शिकार लोगों में वेगास नस मस्तिष्क तक भूख लगने का संदेश पहुंचाने में अतिसक्रियता दिखाती है। मोटापे या ओबेसिटी के शिकार लोगों में भूख न लगने पर भी कुछ खाने की तीव्र इच्छा होती है। अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने देखा कि ओबेसिट के शिकार लोगों में वेगस नस दूसरा संदेश मस्तिष्क से पेट तक पहुंचाती है। इसके पेट में मौजूद भोजन की पाचन क्रिया शुरू हो जाती है। मोटापे के शिकार लोगों में यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो जाती है क्योंकि इसके लिए पाचन तंत्र को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

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