आर्थराइटिस का सबसे साधारण प्रकार होता है ऑस्टियोआर्थराइटिस, जिससे दुनिया में लाखों की संख्या में लोगों ग्रस्त हैं। एक शोध में कहा गया है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह से घुटनों में होने वाले दर्द के कारण किसी भी व्यक्ति का जीवन इस हद तक प्रभावित हो सकता है, कि उसे अवसाद भी हो सकता है। यह अध्ययन जापान के शोधकर्ताओं की टीम ने किया है और कुराबुकी अध्ययन नाम दिया है। इसके लिए विशेषज्ञों ने 65 साल या उससे अधिक उम्र के 573 लोगों के आंकड़ों का अध्ययन किया है। इस दौरान उन्होंने उनकी जीवनशैली और खानपान के बारे में जानकारियां जुटाईं और उनका तुलनात्मक अध्ययन युवा लोगों की सेहत से किया। यह 2005 से 2006 के बीच किया गया, जब अध्ययन में शामिल लोगों में किसी भी तरह के अवसाद के लक्षण नहीं थे।

इन प्रतिभागियों का साक्षत्कार लिया गया और इनसे घुटनों के दर्द बारे में सवाल पूछे गए। इनके जवाबों के आधार पर अवसाद के लक्षणों का आकलन किया गया। इनमें से 12 फीसदी प्रतिभागियों में अवसाद के लक्षण साफ नजर आ रहे थे। जिन्हें लेटते समय, मोजे पहनते समय, या बाहर जाते समय, कार में बैठते या निकलते समय घुटनों में दर्द की शिकायत थी, उन्हें अवसाद का खतरा अधिक था। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मरीजों का अवसाद के लिए भी इलाज किया जाना चाहिए। यह अध्ययन जर्नल ऑफ अमेरिकन जेरियाट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित हो चुका है।

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