हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोध में दावा किया है कि वनस्पति खाद्य तेलों के इस्तेमाल से 25 फीसदी तक जीवन बढ़ सकता है। विशेषज्ञों ने जानवरों के प्राप्त होने वाले खाद्य तेलों और वनस्पति तेलों के बीच तुलनात्मक अध्ययन के बाद यह दावा किया है। उनका कहना है कि इस तरह की डाइट से समय से पहले मृत्यु की आशंका को कम किया जा सकता है। इस अध्ययन में विशेषज्ञों ने एवोकाडो और जैतून के तेल को शामिल किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि वनस्पति तेलों में मोनोसैचुरेटेट वसा होती है, जिससे असमय मृत्यु की आशंका 16 फीसदी तक घटाई जा सकती है। विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष 22 वर्षों तक चले शोध के नजीजों का अध्ययन कर निकाला है। विशेषज्ञों ने 93 हजार महिलाओं और पुरुषों के आंकड़ों का आकलन किया। उनका कहना है कि पशु उत्पादों से प्राप्त वसा और वनस्पति तेलों के तुलनात्मक अध्ययन में उन्होंने मोनोसैचुरेटेड वसा पर जोर दिया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि वनस्पति तेलों पर आधारित खानपान से दो से पांच कैलोरी की खपत कम होती है। इससे उत्तरजीविता की दर में 10 से 15 फीसदी तक का इजाफा होता है। हालांकि विशेषज्ञों ने यही अध्ययन जानवरों से प्राप्त तेलों के मुकाबले वनस्पति तेलों पर किया तो उन्होंने देखा कि उत्तरजीविता की दर 24 से 26 फीसदी तक बढ़ गई।