व्यायाम बंद करने से बढ़ सकता हैं अवसाद का खतरा

एक अध्ययन के अनुसार अचानक व्यायाम बंद कर देने से अवसाद के लक्षणों में इजाफा हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड में पीएचडी की छात्र जूली मॉर्गन ने पहले से किये गये उन अध्ययनों के नतीजों की समीक्षा की जिनमें नियमित रूप से सक्रिय रहे वयस्कों में व्यायाम बंद करने के प्रभावों की पड़ताल की गयी थी। जूली की यह समीक्षा जर्नल ऑफ एफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने कहा पर्याप्त शारीरिक गतिविधि एवं कसरत शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिये महत्वपूर्ण है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा जन स्वास्थ्य दिशानिर्देशों में यह सलाह दी गयी है कि अगर सप्ताह के हर दिन संभव नहीं हो तो अधिक से अधिक समय कुछ न कुछ गतिविधि करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने एवं अवसाद से मुक्त रहने के लिये एक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट हल्के व्यायाम या अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभों के लिये75 मिनट जमकर कसरत करने की सलाह दी गयी है।

जूली ने कहा कि क्लिनिकली यह बात व्यापक रूप से साबित हुई है कि नियमित कसरत अवसाद में कमी ला सकता है और यह अवसाद का उपचार भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि कसरत बंद करने से अवसाद के लक्षणों पर पड़े प्रभावों के बारे में सीमित अनुसंधान हुए हैं। जूली ने उन अध्ययनों की समीक्षा की जिनमें152 वयस्कों में व्यायाम बंद करने के बाद के प्रभावों की पड़ताल की गयी थी।

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